indian flag history|भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

 indian flag history|भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

भारतीय का राष्ट्रिय ध्वज हमारे देश का गौरव है.राष्ट्रिय ध्वज में हमारी स्वतंत्रता संस्कृति ओर देश की
अखंडता का समन्वय हे इस ध्वज के लिये भारत माता के कितने शहीदविरो ने अपने जीवन का बलिदान
दिया हे तब जा के आज हमारा देश एक राष्ट्रिय ध्वज के निचे जुड़ा हुआ हे इस आर्टिकल में हमारे राष्ट्रिय
ध्वज का इतिहास ओर राष्ट्रिय ध्वज से जुडी सभी प्रकार की जानकारी के बारे में बताया जायेगा

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

⏩भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास आजादी के पहले से जुड़ा हुआ है. 1904 के साल में  पहली बार
 राष्ट्रीय ध्वज बनाया गया था.जो  सिस्टर निवेदिता द्वारा  बनाया गया था. इस ध्वज का रंग पीला
 एव लाल था.जिसमें लाल रंग आजादी की लड़ाई एव पीला रंग भारत की जीत का प्रतीक था. इस पर 
बंगाली भाषा में वंदे मातरम् लिखा गया था. इस में  वज्र ओर  कमल का चित्र था. वज्र ताकत ओर  
कमल पवित्रता का प्रतीक हे 

⏩ सिस्टर निवेदिता के बाद 1906 में एक बार फिर नए ध्वज का निर्माण हुआ. इसमें तीन रंग समाहित थे
सबसे उपर नीला फिर पीला व सबसे नीचे लाल रंग था. इसमें सबसे उपर नीली पट्टी में 8 अलग अलग 
तरह के सितारे बने हुए थे. सबसे नीचे की लाल पट्टी में एक ओर सूर्य  दूसरी ओर आधा चन्द्रमा ओर  एक 
तारा बना हुआ था. पिली पट्टी में देवनागरी लिपि से वंदेमातरम् लिखा गया था.

देश का पहला राष्ट्रीय ध्वज ऑगस्ट 1906 में कोलकाता में फ़हराया गया था 

⏩इसी साल ध्वज में थोडा बदलाव किया गया, इसमें  रंगों को बदल दिया गया. इसमें केसरिया, पीला व हरा रंग था, जिसे कलकत्ता ध्वज कहा गया. इसमें सबसे उपर 8 आधे खिले हुए कमल बनाये गए थे, इसलिए इसे कमल ध्वज भी नाम दिया गया.  इस ध्वज को 7 अगस्त 1906 में कलकत्ता के पारसी बागन चौराहे पर सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी द्वारा फ़हराया गया था. उस समय बंगाल का विभाजन हुआ था, उसी के विरोध में ये प्रदर्शन किया गया था.

⏩1917 में लोकमान्य तिलक ने  एक नए ध्वज का राष्टीय ध्वज के रूप में अपनाया था.इस ध्वज में यूरोपियन देश का झंडा था,ध्वज में 5 लाल ओर 5 नीली लाइन थी. जिसमे 7 तारे थे  जिसे सप्तऋषि कहते है, हिन्दुओं की धार्मिकता को दिखाता था . इसमें चन्द्रा ओर  एक तारा भी बनाया गया था.

 ⏩1921  महात्मा गांधी ने भी  राष्ट्रीय ध्वज़ बनवाया था  जिसे कोंग्रेश पार्टी ने अष्विकार कर दिया  लेकिन आज़ादी की लड़त में वो राष्ट्रियता का ध्वज बन गया

 ⏩1931 में कोंग्रेश के कराची अधिवेशन एक प्रश्ताव पारित किया गया ओर सभी सांप्रदायिकता  को सन्मान देकर पिंगली नायडू ने एक धवज बनाया जिसका कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक तरीके से स्वीकार कर लिया जिसमे जिसमें सबसे उपर केसरिया बिस में  सफ़ेद ओर अंत में हरा रंग था. सफ़ेद  रंग में सरखा लगा हुआ था पहले लाल रंग था लाल रंग को हटाकर केशरी रंग शामिल किया गया 

 ⏩1947 में देश आजादी के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जी ने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में  एक सभा रखी .वहां सबने एक मत होकर 1931 में बने  ध्वज में कुश बदलाव करके स्वीकार ने की बात रखी जिसमे चरखे की जगह अशोक चक्र रखा गया ओर हमारे देश का राष्ट्रीय धज बनकर तैयार हुआ 

B.I.S -ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड - द्वारा ध्वज का निर्माण कार्य किया.गया उन्होंने ध्वज से सबन्धित हर चीज के बारे नियम बनाये जिसे ध्वज की गरिमा बनी रहे 



indian flag history


भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों ओर अशोक चक्र के बारे में विस्तृत जानकारी –

केसरियारंग तिरंगे में सबसे उपर होता है, यह साहस ओर शक्ति का प्रतीक है.जो भारत के सामर्थ्य को 
दर्शाता हे

सफ़ेद – रंग शांति ओर  पवित्रता का प्रतीक है. यह रंग देश में सुख ओर शांति की उपयोगिता को
प्रदर्शित करता है.

हरा –  रंग हरियाली ओर समृद्धि का प्रतीक है . जो भारत की समृद्धि को दर्शाता हे

अशोक चक्र. – जो सम्राट अशोक ने  बनाया था. जिसे तिरंगा में बीच में लगाया गया है,
इसमें 24 धारियां  है. जो हमारे जीवन गतिशील होने को दर्शाती हे 


भारत के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ नियम जो हर नागरिक को पालन करना चाहिए

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                                                      नियम
1 राष्ट्रीय ध्वज सन्मान के साथ रखना चाहिये यानि आप इसे सामान्य चीजे की तरह हर जगह नहीं रख सकते
2 जब भी राष्ट्रीय ध्वज उठाया जाये, तो केसरिया रंग सबसे उपर हो.
3 अन्य कोई भी ध्वज या प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज के उपर नहीं होना चाहिए.
 राष्ट्रीय ध्वज का किसी भी प्रकार के पर्सनल  काम के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता.
 5
 राष्ट्रीय ध्वज शाम को सूर्यास्त के समय उतार देना चाइये. (इस में प्रावधान हे )
 6
 राष्ट्रीय ध्वज में किसी भी प्रकार का लेखन या कोई फोटो नहीं लगा सकते 
 7
 भारतीय कानून अनुसार राष्ट्रीय ध्वज खादी के कपड़ो का होना चाहिये 
 8
 राष्ट्रीय ध्वज टुटा हुआ या फिर ख़राब हे तो उसे फहराया नहीं जा सकता.

भारतीय संविधान से जुडे तथ्य के बारे में जानने के लिये यहाँ क्लिक करे 

indian flag history से जुड़े सविधानिक तथ्य 


  • भारतीय संविधान सभा ने  22 जुलाई 1947 के दिन राष्ट्रीय ध्वज के प्रस्ताव का स्वीकार किया
  • संविधान में हमारे जो कर्तव्य दिये गये हे उनमे भी प्रावधान हे की हमें राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिये 
  • अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता हे तो उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण 
  • अधिनियम-1971 के  आर्टिकल 2 के तहत क़ानूनी कार्यवाही होगी 


भारत के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े  कुछ  रोचक तथ्य –

  • भारतीय  ध्वज को 29 मई 1953 में दुनिया के सबसे उचें पर्वत माउंट एवेरेस्ट पर फ़हराया गया था
  • मैडम भीखाजी खामा पहले व्यक्ति है, जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को विदेशी जमीन पर फ़हराया था
  • 1984 में भारत के राकेश शर्मा द्वारा इसे अंतरीक्ष पर फ़हराया गया.
  • दिसम्बर 2014 में चेन्नई में 50 हजार लोगो ने राष्ट्रीय ध्वज बनाकर एक वर्ड रिकॉर्ड कायम किया था.
  • दिल्ली के सेंट्रल पार्क में देश का सबसे ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज फ़हराया गया, जिसकी लम्बाई 90 * 60 फीट था

Consulation

इस आर्टिकल में Indian flag history| से सबंधित जरुरी information दी गई हे, अगर आप राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े सभी नियम के बारे में जानना चाहते हो तो " indian flag code 2002 " में सभी प्रकार के नियम के बारे में विश्तार से बताया गया हे राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा कोई भी सवाल हे तो कमेन्ट में लिखीये जवाब जल्द ही दिया जायेगा

indian flag history से जुड़े सवाल :

Q-राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई कितनी है ?
Ans-राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई 3 फिट और चौड़ाई 2 होनी चाहिए
Q-तिरंगा के रचयिता कौन है ?
Ans-वर्तमान तिरंगा के रचयिता पिंगली वेंकैया नायडू हे.
Q-सबसे पहले झंडा कहाँ फहराया गया ?
Ans-कोलकाता में सबसे पहले झंडा  फहराया गया.
Q-झंडा किसका प्रतीक है ?
Ans-देश की आजादी ओर देश की गरिमा मा का प्रतीक हे.
Q-कमल किसका प्रतीक है ? 
Ans-कमल शांति ओर समृधी का प्रतिक हे.

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